योग की इन 3 नेती क्रियाओं से मिलेगा चमत्कारिक लाभ, जानें कैसे करें?

योग की इन 3 नेती क्रियाओं से मिलेगा चमत्कारिक लाभ, जानें कैसे करें?

सेहतराग टीम

हमारे जीवन में योग का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। योग करने से हमारा शरीर तंदुरूस्त और फिट रहता है। यही नहीं अगर रोजाना योग किया जाए तो हम निरोग बने रहते हैं। वहीं योग में कई तरह की क्रियाएं होती हैं, जो अलग-अलग तरीके से भिन्न-भिन्न शरीर के अंगों को फायदा पहुंचाती हैं। वैसे योग के सभी क्रियाएं कठिन होती हैं लेकिन  क्रियाओं से तुरंत ही लाभ मिलता है।

पढ़ें- योग ध्यान में ही वह शक्ति जो दिलाएगी तनाव से मुक्ति

योग में प्रमुखत: छह क्रियाएं होती है:-

  • त्राटक
  • नेती.
  • कपालभाती
  • धौती
  • बस्ती
  • नौली।

यहां प्रस्तुत है नेती के बारे में जिसे किसी योग शिक्षक के सानिध्य में करने से चमत्कारिक लाभ मिलता है

नेती क्रिया : इसे तीन तरह से किया जाता है:- 1.सूत नेती 2.जल नेती और 3.कपाल नेती।

1- सूत नेती: 

एक मोटा लेकिन कोमल धागा जिसकी लंबाई बारह इंच हो और जो नासिका छिद्र में आसानी से जा सके लीजिए। इसे गुनगुने पानी में भिगो लें और इसका एक छोर नासिका छिद्र में डालकर मुंह से बाहर निकालें। यह प्रक्रिया बहुत ही धैर्य से करें। फिर मुंह और नाक के डोरे को पकड़कर धीरे-धीरे दो या चार बार ऊपर-नीचे खींचना चाहिए। इसी प्रकार दूसरे नाक के छेद से भी करना चाहिए। एक दिन छोड़कर यह नेती क्रिया करनी चाहिए।

2- जल नेती: 

दोनों नासिका से बहुत ही धीरे-धीरे पानी पीएं। गिलास की अपेक्षा यदि नलीदार बर्तन होतो नाक से पानी पीने में आसानी होगी। यदि नहीं होतो पहले एक ग्लास पानी भर लें फिर झुककर नाक को पानी में डुबाएं और धीरे-धीरे पानी अंदर जाने दें। नाक से पानी को खींचना नहीं है। ऐसा करने से आपको कुछ परेशानी का अनुभव होगी। गले की सफाई हो जाने के बाद आप नाक से पानी पी सकते हैं।

3- कपाल नेती: 

मुंह से पानी पी कर धीरे-धीरे नाक से निकालें।

नेती क्रिया के लाभ

  • इससे कान, नाक, दांत, गले आदि के कोई रोग नहीं हो पाते हैं।
  • इस क्रिया के अभ्यास से नासिका मार्ग की सफाई होती है।
  • नेती क्रिया को मुख्यत श्वसन संस्थान के अवयवों की सफाई के लिए प्रयुक्त किया जाता है। इसे करने से प्राणायाम करने में भी आसानी होती है। यह गले और फेफड़ों में कफ जमा नहीं होने देती है।
  • इसे करते रहने से सर्दी, जुकाम, कफ और खांसी की शिकायत नहीं रहती।
  • इससे आंखों की दृष्टि तेज होती है।
  • इस क्रिया को करने से दिमाग का भारीपन हट जाता है, जिससे दिमाग शांत, हल्का और सेहतमंद बना रहता है।

सावधानी: सूत को नाक में डालने से पहले गरम पानी में उबाल लिया जाता है जिससे किसी प्रकार के जीवाणु नहीं रहते। नाक, गले, कान, दांत, मुंह या दिमाग में किसी भी प्रकार की समस्या होतो नेती क्रिया योगाचार्य के मार्गदर्शन में करना चाहिए। इसे करने के बाद कपालभाती कर लेना चाहिए।

 

इसे भी पढ़ें-

दिमाग को रखना है रिलैक्स तो करें ये 4 योगासन, साथ ही शरीर भी रहेगा फिट

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।